Sunday 24 January 2016

Kamal Karte Ho - कमाल करते हो

कमाल करते हो



नमस्कार मित्रों । क्षमा चाहूंगा आप सबसे, 3-4 दिनों से मुखातिब जो न हो पाया । दरअसल कुछ अतिव्यस्तता हो गयी थी जिस वजह से शाम होते होते थक कर चूर हो जाता था और कुछ लिखने की ना हिम्मत बचती थी ना चाहत ।

हालांकि चाहत तो थी मगर शारीरिक ताकत मानसिक ताकत पर भारी पड़ जाती थी और चाहते हुए भी कुछ लिख नहीं पाता था । आज उसी व्यस्त समय से थोडा समय चुराया ताकि आप सबसे मुलाकात कर सकुं । सोचा शायद जितना मैं आपसे मिलने को तड़फ रहा हूँ हो सकता है आप भी बैचैन होंगे ।

हालांकि पिछले 3 दिनों में सिर्फ 20-22 जनों ने ही मुझसे पूछा कि कुछ नया लिखा क्या ? लेकिन मुझे यकीन है कि आप सब भी इंतज़ार कर रहे होंगे मेरे किसी नए ब्लॉग या कविता या ग़ज़ल का । आज एक ग़ज़ल लिखने की जुर्रत की है, अच्छी लगे तो बताईयेगा जरूर ।


कमाल करते हो
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उल्टे सीधे सवाल करते हो
हजूर आप भी कमाल करते हो

लगता है अब आदत बन गयी है
बात बात पे आँखे लाल करते हो

ना कोई बात ना बात का मतलब
खामखां ही बवाल करते हो




हमने तो सुना था शाकाहारी हो और
लोग कहते है "बकरे" हलाल करते हो

भूल जाते हो, कोई बीमारी है शायद
करने को, वादे तो हर साल करते हो

हमने तो युं ही ठिठोली की है जनाब
बात को समझो क्यूं धमाल करते हो

कुछ तगड़ा गए हो बीते दिनों में
कौनसा टॉनिक इस्तेमाल करते हो

खोये से रहते हो इंतज़ार में किस के
क्यों अपना हाल बेहाल करते हो

कोई आया नहीं तो शिकायत हजारों
आ जाये तो जीना मुहाल करते हो

भले ही ये बेसिर पैर की है
मगर बातें बेमिसाल करते हो






खता आपकी थी संभल के रहते
पहले फितूर फिर मलाल करते हो

मशहूर हो रहे हो महफ़िलों में
यही करो जो फिलहाल करते हो

अकेले बैठे भी मुस्कुराते हो "शिव"
मन ही मन किसका ख़याल करते हो

      .........         ...........

आपके हर तरह के प्रत्युत्तर का इंतज़ार रहेगा ।

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जय हिन्द

..... शिव शर्मा की कलम से ....

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