Monday 1 February 2016

Jeevan Ek Sangharsh


जीवन एक संघर्ष

जीवन में अक्सर कई बार ऐसी परिस्तिथियां आ जाती है जहां हमें लगने लगता है कि अब सब कुछ समाप्त हो गया । हालात के आगे मजबूर होकर कुछ लोग गलत कदम भी उठा लेते हैं जो कि किसी भी समस्या का समाधान नहीं है ।

दोस्तों इस बात से आप भी सहमत होंगे कि ईश्वर की सबसे सूंदर रचना है मानव । उसने हमें अन्य जीवों की अपेक्षा बहुत ही बेहतर बनाया है ।

दो दो स्वतन्त्र हाथ पैर, एक खुला हुआ विस्तृत दिमाग, इन्ही हाथ पैर और मस्तिष्क की बदौलत मनुष्य ने क्या क्या नहीं कर दिखाया । इस दुनिया की खूबसूरती में चार चाँद लगा दिए । चाँद पर पहुँच गए । बड़े बड़े जीवनोपयोगी अविष्कार कर डाले ।

मनुष्य चाहे तो क्या नहीं कर सकता । बस जरुरत है तो सिर्फ थोड़े धैर्य और हौसले की । आदतानुसार मुझे इस बात पर किसी अनाम शायर का एक शेर याद आ रहा है ।

"जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है
हमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है बस मुट्ठी भर जमीन,
अभी तो सारा आसमान बाकी है ।"



ईश्वर ना करे कभी किसी के जीवन में अगर मायूसियों का दौर आ जाये तो टूटकर बिखरने की बजाय अपने हौसले को बनाये रखना और आगे बढ़ना । सफलता निश्चित ही आपके क़दमों में होंगी ।

जीवन के इसी संघर्ष पर एक कविता लिखने का प्रयास किया है । आशा है मेरी अन्य रचनाओं की तरह इस रचना को भी आपका स्नेह मिलेगा और आप इसे पसंद करेंगे ।

मुश्किल में घबराना मत
हालातों से डर जाना मत
वक्त पड़े गैरों के आगे
हाथ कभी फैलाना मत

कभी उजाला कभी अँधेरा
अभी निशा औ अभी सवेरा
वक्त सदा ही रहा बदलता
ना ये तेरा ना ये मेरा
जीवन है संघर्ष याद रख
इसको भूल ना जाना मत
मुश्किल में घबराना मत

मौसम आते जाते रहते
अक्सर हमें सताते रहते
पर दिलवाले हर मौसम में
मस्ती के नगमे गाते रहते
पानी बादल से ही बरसे
आँखों से बरसाना मत
मुश्किल में घबराना मत

दिल में कई अरमान है
राहें मगर अनजान है
माना डगर कठिन है लेकिन
करनी तुझे आसान है
छाले सैंकड़ों पड़े पाँव में
दुनिया को दिखलाना मत
मुश्किल में घबराना मत

जीवन में बाधाएं भी है
आड़ी टेढ़ी राहें भी है
आगे मगर खड़ी सफलता
देख फैलाये बाहें भी है
हाथ बढाकर इसे पकड़ ले
मौका चूक ना जाना मत
मुश्किल में घबराना मत



तुम ईश्वर की सूंदर रचना
तेरी हिम्मत का क्या कहना
तूने जब जब मन में ठाना
पर्वत को भी पड़ा है झुकना
जब तक मंजिल पा ना ले तू
चलता जा रुक जाना मत
मुश्किल में घबराना मत

कोशिश व्यर्थ नहीं जायेगी
मंजिल तेरे पास आएगी
एक दिन तेरे साथ देखना
तेरी दुनिया मुस्कायेगी
उस पल जीना नाचना गाना
किसी से भी शरमाना मत
मुश्किल में घबराना मत

कामयाबी पर गुरुर न करना
अपनों को तू दूर ना करना
जितना जरुरी जश्न मनाना
गैरजरूरी फितूर ना करना
याद रहे चादर से ज्यादा
अपने पैर फैलाना मत
मुश्किल में घबराना मत।।

 ***   ***   ***   ***


अभी के लिए विदा मित्रों । जल्दी ही फिर मुलाकात होगी ।

Click here to read "सेहत के शत्रु" by Sri Shiv Sharma


जय हिन्द

*** शिव शर्मा की कलम से ***

2 comments: