Thursday 16 June 2016

Jeevan Ki Sugandh - जीवन की सुगंध

Jeevan Ki Sugandh - जीवन की सुगंध




जीवन की सुगंध
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मुश्किल से घबराना मत
खुशियों में इतराना मत,
आँखे कान खोल कर रखना
राह में ठोकर खाना मत,

जीवन है एक खेल अनोखा
कभी हार और कभी जीत है
अक्सर समझ नहीं आ पाता
कौन गैर है कौन मीत है
जिससे मिलो बस हंसकर मिलना
झूठी शान दिखाना मत
कड़वा बोल किसी के दिल को
चोट कभी पहुँचाना मत,
Jeevan Ki Sugandh

सफ़र है लंबा रस्ते टेढ़े
मित्र बनाते ही रहना
सुख दुःख सबसे चलो बांटते
राज मगर खुद तक रखना
बात जो निकली हुई पराई
बात भूल ये जाना मत
ईश्वर तेरे साथ हमेशा
साथ भूल ये जाना मत,

समय निरंतर चलता रहता
ज्यों सागर में लहर चले
कभी ना थमता कभी ना थकता
दिन के आठों पहर चले
कीमत इसकी सदा समझना
युं ही व्यर्थ गंवाना मत
जैसे समय बदलता रहता
तुम कहीं बदल ना जाना मत,

जीवन की सुगंध


प्रेम से सबके साथ रहें
तो जीवन में आनंद रहे
फूलों सा हो ह्रदय अगर तो
चारों और सुगंध रहे
या तो इबादत समझ के करना
या फिर प्यार जताना मत
जो दिल प्रेम से भरा लबालब
वो दिल कभी दुखाना मत,
Jeevan Ki Sugandh

दुनिया में लाचार बहुत है
मुफ़लिस और बीमार बहुत है
दर्द ही उनकी किस्मत है
वक्त की जिन पर मार बहुत है
गर बन सको तो बनो सहारा
लेकिन उन्हें सताना मत
दया धर्म करते ही रहना
इसमें कभी शरमाना मत,

मुश्किल से घबराना मत
खुशियों में इतराना मत ।।
जीवन की सुगंध


जय हिन्द

Click here to read "कमाल करते हो" written by Sri Shiv Sharma



*शिव शर्मा की कलम से***










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