Thursday 1 September 2016

Waqt to Lagta Hai


वक्त तो लगता है



समझने समझाने में, वक्त तो लगता है,
उलझनें सुलझाने में, वक्त तो लगता है,

क्या देर लगती है किसी के ख़फ़ा हो जाने में,
मगर रुठों को मनाने में, वक्त तो लगता है,

गुजर जाती है एक उम्र कुछ फर्ज निभाने में,
घर को घर बनाने में, वक्त तो लगता है,


वक्त तो लगता है



उनकी शिकायत है कि बड़ी देर से आये हो,
कुछ दूर से आने में, वक्त तो लगता है,





मुरझा जाते हैं चमन पतझड़ की मार से,
बहारों के लौट आने में, वक्त तो लगता है,

मुकद्दर के सिकंदर तो कुछ लोग ही होते है जनाब,
वर्ना कुछ कर दिखाने में, वक्त तो लगता है,

कुम्हला जाता है बदन, धुंधला जाती है नजरें,
जिंदगी को सजाने में, वक्त तो लगता है,


वक्त तो लगता है


बहुत से ख्वाब अक्सर बिखर के रह जाते हैं,
फिर नए सपने सजाने में, वक्त तो लगता है,




मुस्कुराकर चल देते हैं लोग फकत हाथ मिलाकर,
दिलों को मिलाने में, वक्त तो लगता है,

बिछड़ जाते हैं जो साथी दिलों में घर बनाके,
उनकी यादों को भुलाने में, वक्त तो लगता है,

दूरियां तो "शिव" कुछ ही पलों में बढ़ सकती है,
नजदीकियां बढ़ाने में, वक्त तो लगता है ।।


वक्त तो लगता है


      *    *    *    *

Click here to read "आ जाओ भैया" written by Sri Pradeep Mane


जय हिंद

*शिव शर्मा की कलम से***









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