Tuesday 29 August 2017

Mohabbat Ki Mithas - मुहब्बत की मिठास


मुहब्बत की मिठास

क्षमा चाहूंगा मित्रों । फिर एक बार आपसे मिलने में मैंने काफी समय लगा दिया, परंतु अब मैं कोशिश करूंगा कि सप्ताह में कम से कम हमारी एक मुलाकात होती रहे ।

इस बार फिर आपके समक्ष एक ग़ज़ल लेकर आया हुं । कैसी है ये तो आपके कमेंट्स से पता चलेगा । उम्मीद है कि आपको "मुहब्बत की मिठास" जरूर पसंद आएगी ।

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मुहब्बत की मिठास

इस कदर रिश्ते संभाल लिया करो
कुछ बातें हंसकर टाल दिया करो,

तन्हाइयां तोड़ देती है आदमी को
कुछ अपना भी ख़याल किया करो,

नफरतों की खटास, मिट ही जाएगी
मुहब्बत की मिठास डाल दिया करो,

छोटी सी जिंदगी प्यार के लिए भी कम है
नाहक ही ना कोई बवाल किया करो,

कोई जो पूछे, क्या औकात है आदमी की
थोड़ी मिट्टी हवा में उछाल दिया करो,

उम्र भर महज जवाब ही क्यों दें
ज़िंदगी से भी कुछ सवाल किया करो,

मशहूर हो जाओगे फ़क़त इतना करने से
लोगों के जख्मों से कांटे निकाल दिया करो,

जो मुंह से निकले और मशहूर हो जाये
ऐसी नायाब मिसाल दिया करो,

हर दिल अजीज़ बन जाओगे "शिव"
खुद को हर सांचे में ढाल लिया करो ।।

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आपकी हौसला अफजाई और आपके सुझावों का इंतज़ार करूंगा । जल्दी ही फिर मिलेंगे ।

जय हिंद


पहला सुख निरोगी काया



*शिव शर्मा की कलम से*











आपको मेरी ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।.  Email : onlineprds@gmail.com

धन्यवाद

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