जो भी मिला अच्छा मिला
नमस्कार दोस्तों । इस बार फिर एक कविता लिखने की कोशिश की है । उम्मीद है कि आपको पसंद आएगी ।
जीवन की राहों की भागदौड़ में हमें अलग अलग तरह के लोग मिलते है, कई तरह के अनुभव मिलते हैं । अब ये तो मानव स्वभाव में है कि हम हर व्यक्ति या हर वस्तु में अपने मनमुताबिक कुछ खोजने की चेष्टा करते हैं, और हमारे स्वयं के ही अध्ययन के पश्चात् परिणाम में अक्सर उस में कुछ ना कुछ कमी निकाल लेते है, चाहे वो कोई हमारा रिश्तेदार हो, मित्र हो, सहकर्मी या सहयात्री हो या कोई वस्तु ।
मुझे ऐसा लगा कि अगर हम हर व्यक्ति हर वस्तु में कमियां ना देखकर अगर अच्छाइयां ढूंढें तो शायद जीवन काफी सुंदर और सरल लगने लगे । इन्ही विचारों पर ये कविता "जो भी मिला अच्छा मिला" लिखने का प्रयास किया है । अच्छी लगे या कोई कमी दिखे तो बताएं जरूर ।
जो भी मिला अच्छा मिला
झूठा मिला सच्चा मिला
पक्का कोई कच्चा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
संसार मिला परिवार मिला
आँखों को कई सपने मिले
जीवन की अद्भुत राहों पर
गैरों में भी अपने मिले
कुछ खट्टी तो कुछ मीठी सी
यादों का एक गुच्छा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
कोई मिल के दिल में बस गया
कोई यादें बनके रह गया
कुछ अक्स आँखों में बने
कोई आंसुओं में बह गया
कुछ पत्थरों की शख्सियतों के
दिल में एक बच्चा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
महफ़िल में कुछ तनहा मिले
कुछ मस्त अलबेले मिले
रत्न मिले अनमोल कई
कई मिट्टी के ढेले मिले
निर्जीव सीपों में भी तो
मोती कभी सच्चा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
अनजानों में अपने मिले
कई अपनों में अनजाने भी
हर मोड़ पे आ टकराते रहे
कुछ अपने कुछ बेगाने भी
हर इक से अलग खूबी मिली
हर इक से सबक अच्छा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
थी प्रीत ने ली तब अंगड़ाई
जब प्यारा सा एक मीत मिला
सरगम सी दिल में बज उठी
जीवन में नया संगीत खिला
नीरस बेरंग किताबों में
सतरंगी एक परचा मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
गैर नहीं है कोई यहाँ
हम सबके हैं सब अपने है
है जो भी वो बस आज में है
कल के तो केवल सपने है
मायूस ना हो जी भर के जी
मत सोच कि किसको क्या मिला
तू मत कर जीवन से गिला
जो भी मिला अच्छा मिला
ए मालिक तेरा शुक्रिया
इतना सुंदर संसार दिया
इस काबिल तो मैं ना था मगर
तुमने सीमा के पार दिया
तेरी रहमत का क्या बयान करुं
तेरे साये सुख सच्चा मिला
नहीं जिंदगी से कोई गिला
जो भी मिला अच्छा मिला ।।
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जय हिंद
* शिव शर्मा की कलम से***