समय बड़ा बलवान - Samay Bada Balwan
तीन भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा सुरेश घर की परिस्थितियों की वजह से ग्यारहवीं तक ही पढ़ पाया था । पिता एक किसान थे और राजस्थान में बरसात की मेहरबानी इतनी ही हो पाती थी की सिर्फ खाने भर की व्यवस्था हो पाती थी । बड़े भाई भी पिता के साथ खेती में उनका हाथ बंटाया करते थे ।
चार कमरों का एक कच्चा मकान पिताजी ने पेट काट काट कर बनवा लिया था तो सर छुपाने को जगह भी थी । संपत्ति के नाम पर वो ही एक टुटा फूटा सा कच्चा मकान और एक बैलगाड़ी थी । जिसमें बैठकर पिताजी और बड़े भैया खेत जाया करते थे और आते समय रेत के टीलों से काटकर उजली बालू रेत उस बैलगाड़ी में भर लाते थे जो मोहल्ले में ही किसी को जरुरत हो तो कुछ पैसों में दे देते थे । उन्ही पैसों और थोड़ी खेत की पैदावार की मदद से घर में चूल्हा जलता रहता था ।
बहन की शादी भी अपने ही स्तर के एक परिवार में हो गयी थी । बहनोई कम ही पढ़े लिखे थे और गाँव (कस्बे से थोड़ा कम) में ही एक राशन की दूकान पर काम करते थे । दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो जाता था ।
बाकि रिश्तेदारों में कई ऐसे रिश्तेदार भी थे जिन पर देवी लक्ष्मी की असीम अनुकम्पा थी, मगर वो भी इस परिवार को मदद के नाम पर सलाहें ही दिया करते थे । गली मोहल्ले वालों से तो वो गरीब क्या उम्मीद करते ।
इसी वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ मंझले भैया पिछले दो वर्षों से मुम्बई में नोकरी कर रहे थे, लेकिन उनकी तनख्वाह इतनी ज्यादा नहीं थी कि घर के हालात कुछ सुधर सके । हां कम से कम अपना खर्चा वो निकाल लेते थे। अभी वो गाँव आये हुए थे और सुरेश को भी अपने साथ मुम्बई ले जाने का मशवरा पिताजी को दे रहे थे ।
"हमारी कंपनी का कपड़े का बहुत बड़ा उद्योग है पिताजी, अभी उनको शहर शहर जा कर अपना व्यापार बढ़ाने हेतु एक विश्वासी और मेहनती आदमी की जरुरत है । तनख्वाह भी अच्छी मिलेगी और ऊपर से कमिशन भी मिलेगा । अपना सुरेश होशियार भी है और मेहनती भी । मैं अपने मालिक से बात कर के आया हुं । इसे इस बार अपने साथ ले जाता हुं ।" अपनी बात ख़त्म करके मंझले भैया पिताजी के जवाब की प्रतीक्षा करने लगे ।
पिताजी ने भी थोड़ा सोचने के बाद हां करदी । सुरेश तो पहले से ही तैयार था । उसे नयी नयी जगहें देखने का बड़ा शौक था और किस्मत से उसी तरह की नोकरी उसे मिल रही थी । बिना खुद के खर्चे से भारत भ्रमण करने में कितना मजा आएगा ये सोच सोच कर वो तो मन ही मन प्रफुल्लित हो रहा था । साथ ही घर में थोड़ी आर्थिक मदद भी हो जायेगी, एक पंथ दो काज ।
निश्चित दिन वो मुम्बई के लिए रवाना हो गए । अगले दिन गाड़ी अहमदाबाद पहुंची और शाम को अहमदाबाद से दूसरी गाड़ी पकड़ के अगली सुबह वे मुम्बई पहुँच गए ।
सपनों की नगरी, मायानगरी मुम्बई । जो चौबीसों घंटे जागती रहती है, भागती रहती है । सुरेश ने एक बार किसी सिनेमा में देखा सूना था मुम्बई के बारे में ।
दस बज चुके थे । दोनों भाई नहा धो के घर से लाये हुए खाद्य पदार्थों का नाश्ता करके ऑफिस आ गए । कुछ देर बाद कंपनी के मालिक भी आ गए और सुरेश का साक्षात्कार ले के उसे मेनेजर से मिलवाया तथा उसी समय से काम शुरू करने को कह दिया ।
शुरू के दो तीन महीने में ही सुरेश ने कपड़े के बारे में काफी जानकारी हासिल कर ली । स्वभाव अच्छा था इसलिए बाकि सबसे भी बड़ी जल्दी घुलमिल गया था और जिस तेजी से काम पकड़ रहा था उस वजह से मेनेजर एवं मालिक भी उस से खुश थे ।
इसी बीच वो अपने सीनियर के साथ आस पास की दो चार जगहों पर भी जा के आया था । अपने सीनियर से उसने सीखा कि खरीददारों से कैसे बात करें, कैसे अपने उत्पाद की गुणवत्ता, उसकी विशेषतायें, उन्हें बता कर अपना कपड़ा उन्हें बेचे ।
चार महीने बाद मेनेजर ने उसे बुलाया और कहा "सुरेश, बैंगलोर जाना है । अकेले चले जाओगे क्या?"
इन चार महीनों में सुरेश में काफी आत्मविश्वास आ चूका था । उसने बिना झिझक हां कह दी ।
"वहां अपने कुछ ग्राहक पहले से है और कुछ तुम अपनी होशियारी से बनाके आना । एक सप्ताह बाद की तुम्हारी टिकट बनवा देता हुं, ध्यान से जाना और अच्छे अच्छे आर्डर लाना" मेनेजर ने उसकी पीठ थपथपा कर हौसला बढ़ाते हुए कहा ।
शाम को घर आये तो मंझले भैया तो ये सुनकर फुले नहीं समाये थे ।
सुरेश का बैंगलोर का वो पहला दौरा इतना कामयाब रहा कि उसके बाद तो वो कभी चैन्नई, कभी दिल्ली, कभी अहमदाबाद तो कभी कलकत्ता अक्सर दौरों पर ही रहता था । तनख्वाह भी अच्छी खासी हो गयी थी और कमीशन भी तनख्वाह के बराबर या कभी उस से ज्यादा भी हो जाया करता था । मंझले भैया की भी तरक्की हो गयी थी और उनको भी एक अच्छी रकम मिलने लगी थी ।
पुरे बीस महीने बाद सुरेश जब गाँव आया तो घर की हालत काफी सुधर चुकी थी । कच्चे मकान को पलस्तर हो चूका था । हर महीने उनके द्वारा भेजे जाने वाले मनीआर्डर ने बहुत कुछ बदल दिया था । लोगों का व्यवहार भी । सीधे मुंह बात नहीं करने वाले पड़ोसी घर आ आ के हालचाल पूछ रहे थे ।
अगले तीन सालों में दोनों भाइयों ने मुम्बई के पास स्तिथ भिवंडी शहर में किराए पर जगह और मशीनें लेकर अपना खुद का कपड़े का उत्पादन शुरू कर दिया ।
मंझले भैया ने नोकरी छोड़ कर अपने काम पर ध्यान देना शुरू कर दिया । देखते ही देखते तीन वर्षों में ही उनके बनाये कपड़े की भी व्यापारियों में एक पहचान बन गयी, और शनै शनै दोनों भाई मिलकर अपने कारोबार को इस ऊंचाई पर ले गए कि आज उनकी खुद की कपड़े की मिलें है ।
सुरेश के बहनोई मुम्बई से बाहर का कारोबार देखते हैं, राशन की दूकान का उनका अनुभव काम आ रहा है । उसका भांजा पिछले साल ही मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर बन कर निकला है । चार कमरों के घर की जगह एक ऊँची सी हवेली ने ले ली है । मोहल्ले के कई लड़के उसकी मीलों में काम करते हैं ।
बड़े भैया गाँव और पिताजी से दूर नहीं जाना चाहते इसलिए गाँव में ही अपने कपड़ो की दूकान संभालते हैं । तीनों भाई और बड़ी बहन सब अपने परिवार और बच्चों के साथ खुश है ।
सच है की आदमी की मेहनत, लगन, समय और किस्मत सब साथ मिल जाए तो रंक को राजा बनते देर नहीं लगती । दस वर्षो ने ही सुरेश को "सुरेशजी" बना दिया ।
आज भी सुरेश जब भी गाँव आता है तो सबसे प्रेम से मिलता है । उनके सुख दुःख में उनके साथ खड़ा होता है । बच्चों की पढाई, शादी या किसी के बीमार होने में आर्थिक मदद भी करता है । उसका कहना है कि जो तकलीफें मैंने सही अगर मैं किसी और की कम करने में सक्षम हूं तो क्यों ना करुँ ।
click here to read धारावाहिक का अंत - TV Serial Ending, en interesting Blog written by Sri S B Sharma
...शिव शर्मा की कलम से...
आपको मेरी ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।. Email : onlineprds@gmail.com
धन्यवाद
Note : Images and videos published in this Blog is not owned by us. We do not hold the copyright.
Very motivational story....
ReplyDeleteI like it
escorts in bangalore
ReplyDeleteescort in bangalore
bangalore escort
independent bangalore escorts
independent escorts in bangalore
escort service in bangalore
bangalore escorts service
bangalore female escorts
bangalore russian escorts
escort agency in bangalore
female escort in bangalore
call girls in bangalore
bangalore call girl
bangalore escort girls
bangalore escorts agency
whitefields escorts
Bellandur Escorts
Domlur Escorts
Electronic city escorts
Indra Nagar escorts
jay nagar Escorts
Koramangala Escorts
MG Road escorts
Hyedrabad Escorts
http://www.banzaran.com
ReplyDeletebest hindi blog for motivational articles.
Banzaran.com
ReplyDelete