उत्सव की वेला
नमस्कार दोस्तों । सर्वप्रथम तो आप सबको विक्रम संवत 2073 के शुभारंभ की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें ।
आप सब जानते ही हैं कि पुरे विश्व में हमारे देश की संस्कृति का कोई सानी नहीं है । भारत को त्योंहारों का देश कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । यहां हर दिन कोई ना कोई खास महत्त्व लिए होता है ।
ये थोड़ा दुर्भाग्य पूर्ण है कि धीरे धीरे हम अपने त्योंहारों को अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं ।
ईस्वी केलेंडर से बहुत पहले चाँद और सूरज की गतिविधियों के अनुसार विक्रम सम्वत की शुरुआत हो चुकी थी । हम में से बहुत से लोग तो शायद ये भी नहीं जानते होंगे की हम अपना नववर्ष चैत्र की प्रथम तिथि से क्यों शुरू करते हैं । दरअसल इसके पीछे बहुत से धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हुए है ।
चैत्र प्रारम्भ होते होते पतझड़ ऋतू बीत जाती है और वसंत का आगमन होता है । पेड़ पौधे नई पत्तियों से अपना श्रृंगार करते है । फूल खिलने शुरू हो जाते हैं । किसानों की फसल कटाई का समय नजदीक आ जाता है । व्यापारी अपने नए बहीखातों की शुरुआत करते हैं । विद्यालयों में परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाता है, इत्यादि ।
और कहते है की ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना भी इसी दिन की थी । भारतीय नववर्ष के इस पर्व पर एक छोटी सी कविता लिखी है जो आप सब के साथ साझा कर रहा हुं । अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूलें ।
पतझड़ गया वसंत ऋतू आई
मनभावन हरियाली छाई
नई कोम्पलें हर डाली पर
फूलों की कलियां मुस्काई
शुरू हुआ नववर्ष हमारा
झूम उठा है भारत सारा
सकुचाती सी जा रही सर्दी
मौसम आ गया प्यारा प्यारा
नवरात्रों का उत्सव आया
हर मुख पर उल्लास सा छाया
घर घर में आ देवी माँ ने
हर संकट को दूर भगाया
फूलों से भर रहा है उपवन
खुशबु बिखराने मचल रहा है
चाँद सूरज और सम्वत बदली
संग संग क्या कुछ बदल रहा है
चैत्र मास का प्रथम दिवस ये
अजब अनोखा न्यारा न्यारा
स्वागत इसका करें ह्रदय से
यही तो है नव वर्ष हमारा ।।
पुनः आपको चैत्र नवरात्रों और भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
जय हिन्द
*** शिव शर्मा की कलम से ***
Note : We do not own the Images and Video published in this blog, it belongs to its rightful owners. If objection arises, the same will be removed.
नमस्कार दोस्तों । सर्वप्रथम तो आप सबको विक्रम संवत 2073 के शुभारंभ की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें ।
आप सब जानते ही हैं कि पुरे विश्व में हमारे देश की संस्कृति का कोई सानी नहीं है । भारत को त्योंहारों का देश कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । यहां हर दिन कोई ना कोई खास महत्त्व लिए होता है ।
ये थोड़ा दुर्भाग्य पूर्ण है कि धीरे धीरे हम अपने त्योंहारों को अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं ।
ईस्वी केलेंडर से बहुत पहले चाँद और सूरज की गतिविधियों के अनुसार विक्रम सम्वत की शुरुआत हो चुकी थी । हम में से बहुत से लोग तो शायद ये भी नहीं जानते होंगे की हम अपना नववर्ष चैत्र की प्रथम तिथि से क्यों शुरू करते हैं । दरअसल इसके पीछे बहुत से धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी जुड़े हुए है ।
चैत्र प्रारम्भ होते होते पतझड़ ऋतू बीत जाती है और वसंत का आगमन होता है । पेड़ पौधे नई पत्तियों से अपना श्रृंगार करते है । फूल खिलने शुरू हो जाते हैं । किसानों की फसल कटाई का समय नजदीक आ जाता है । व्यापारी अपने नए बहीखातों की शुरुआत करते हैं । विद्यालयों में परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाता है, इत्यादि ।
और कहते है की ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना भी इसी दिन की थी । भारतीय नववर्ष के इस पर्व पर एक छोटी सी कविता लिखी है जो आप सब के साथ साझा कर रहा हुं । अच्छी लगे तो शेयर करना ना भूलें ।
पतझड़ गया वसंत ऋतू आई
मनभावन हरियाली छाई
नई कोम्पलें हर डाली पर
फूलों की कलियां मुस्काई
शुरू हुआ नववर्ष हमारा
झूम उठा है भारत सारा
सकुचाती सी जा रही सर्दी
मौसम आ गया प्यारा प्यारा
नवरात्रों का उत्सव आया
हर मुख पर उल्लास सा छाया
घर घर में आ देवी माँ ने
हर संकट को दूर भगाया
फूलों से भर रहा है उपवन
खुशबु बिखराने मचल रहा है
चाँद सूरज और सम्वत बदली
संग संग क्या कुछ बदल रहा है
चैत्र मास का प्रथम दिवस ये
अजब अनोखा न्यारा न्यारा
स्वागत इसका करें ह्रदय से
यही तो है नव वर्ष हमारा ।।
पुनः आपको चैत्र नवरात्रों और भारतीय नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
जय हिन्द
*** शिव शर्मा की कलम से ***
Note : We do not own the Images and Video published in this blog, it belongs to its rightful owners. If objection arises, the same will be removed.
Happy. New year sir ji
ReplyDeleteGood ji
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