शरारत
अपनी आँखों को छुपालो वर्ना क़यामत हो जायेगी,
हमें दोष ना देना अगर मुहब्बत हो जायेगी,
कोशिश करेंगे तेरे चेहरे से अपनी नजरें हटाने की,
गुनाह तो होगा पर थोड़ी शरारत हो जायेगी,
जब से तुम्हें देखा है हम होश ही खो बैठे है
ख्वाबों में ही आ जाना, हमपे इनायत हो जायेगी,
दिल के जज्बात कतराते हैं लबों पर आने से,
पर तुमसे ना कहा तो ये तो बगावत हो जायेगी,
शरारत
तारीफ तेरे हुस्न की करते आएं है जमाने से,
तुमने हमें ठुकरा दिया, हम पर आफत हो जायेगी,
तुम अगर जो आ जाओ जीवन में, बहार आ जाये,
हमारी जिंदगी की भी सनम हिफाजत हो जायेगी,
दिल में छुपा रखुंगा सदा तुम्हारी मोहिनी सूरत
तुम्हारी प्रीत ही "आभास" की इबादत हो जायेगी ।।
Click here to read एहसास तेरा by Sri Pradeep Mane
प्रदीप माने "आभास" की रचना
आपको ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।. Email : onlineprds@gmail.com
धन्यवाद
शिव शर्मा
Note : Images and videos published in this Blog is not owned by us. We do not hold the copyright.
Bhaut badiya pradeep bhai
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteWonderful Pradeepji.Keep it up
ReplyDeleteVery nice sir ji.....Apartim
ReplyDeleteVery very nice sir superb
ReplyDelete