तेरे लिए
ओ मेरी अनजानी चाहत
मैं क्या तारीफ़ करूं तेरी,
लगती तुम चाँद का टुकड़ा हो
परियों जैसी सूरत तेरी,
जो मिले इजाज़त तो मन में
कुछ ख्वाब सजा लुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए,
सुंदरता की मूरत हो तुम
मेरे मन मस्तिष्क में छाई हो,
जो एक झलक देखी तेरी
इन आँखों में ही समाई हो,
आँखों में बसा कर रूप तेरा
कोई गीत बना लुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए,
चंचल चंचल आँखें तेरी
सूरत औरों से है न्यारी,
अधर गुलाब की पंखुड़ीयां
बोली कोयल सी है प्यारी,
सागर के थोड़े मोती चुन
इक हार बना दुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए,
तुम खिली चांदनी जैसी हो
शीतल निर्मल अंदाज तेरा,
आवाज तेरी सरगम जैसी
दीवाना है हर साज़ तेरा,
नायाब चुनिंदा गीत ग़ज़ल
दुनिया से छुपा लुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए,
श्रृंगार भी शरमा जाता है
जब तू दुल्हन सी सजती है,
नई राग कोई बन जाती जब
तेरी पायल छम छम बजती है,
पायल की मधुर धुन से कोई
संगीत सजा लुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए,
तुम्हें देख चाँद भी जल जाये
लगता है कोई परी हो तुम,
इस धरती की तो नहीं लगती
शायद नभ से उतरी हो तुम,
कोई नजर ना तुमको लग जाए,
ताबीज बना दुं तेरे लिए,
दिल करता है नीलगगन से
चाँद चुरा लुं तेरे लिए ।।
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जय हिंद
*शिव शर्मा की कलम से***
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धन्यवाद
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Very nice sir, the pic is also very nice
ReplyDeleteMarvelous..😍
ReplyDeleteBhut khoob sir ji
ReplyDeleteEkdam zakas
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