Thursday 22 September 2022

मन

 मन


नमस्कार मित्रों । मेरी पिछली रचना दर्द को आपने इतना पसंद किया, उसके लिए आप सभी का हृदय से आभार ।


आज आपके लिए एक गीत लेकर आया हूं मन । जैसा की हम सभी जानते है की हमारा मन हमारा होते हुए भी हम कभी नहीं जान पाते कि आखिर ये चाहता क्या है । पल पल बदलता जो रहता है, और तो और खुद को हर परिस्थिति के अनुसार ढाल भी लेता है ।


मन के रूप अनेकों है मगर आश्चर्य इस बात का है की संसार के हर प्राणी का अभिनेता मन अभिनय लगभग समान ही करता है ।


इसी चंचल मन पर कुछ पंक्तियों को मिला कर एक गीत बनाने का प्रयास किया है, आशा है आपको जरूर पसंद आएगा ।






मन


कभी कभी लगता है झूठा, कभी ये सच्चा लगता है,

मन तो मनमौजी है एक छोटा सा बच्चा लगता है,


बिन आंखों के स्वप्न देखता बिना कान सुन लेता है,

बिना पंख के उड़ते उड़ते ख्वाब कई बुन लेता है,

नहीं जरूरी मन का हर एक ख्वाब हकीकत बने मगर,

उन ख्वाबों का सच हो जाना, कितना अच्छा लगता है,

मन तो मनमौजी है एक छोटा सा बच्चा लगता है ।


अभी यहीं था अब ना जाने कौन दिशा में चला गया,

ठग कर आया कभी किसी को, कभी किसी से छला गया,

आवारा है या पागल है ये कोई ना समझ सका,

झूठे सपनों सा तो कभी दर्पण सा सच्चा लगता है,

मन तो मनमौजी है एक छोटा सा बच्चा लगता है ।


खुद हंस लेता खुद रो लेता खुद बातें कर लेता है

याद में खो कर किसी की उनसे खुद मुलाकातें कर लेता है,

टूट टूट कर जुड़ता रहता कोमल है, मजबूत भी है,

चट्टानों सा सख्त कभी मिट्टी सा कच्चा लगता है,

मन तो मनमौजी है एक छोटा सा बच्चा लगता है ।


ये हारा तो हार गए हम ये जीते तो जीत बने,

ये आपस में मिल जाए तो प्रीत का एक संगीत बने,

बहक भी जाता, वश में भी है, मन के रूप निराले शिव,

सब इसमें ढल जाते, ये जादू का संचा लगता है।

मन तो मनमौजी है एक छोटा सा बच्चा लगता है ।।


******


इन दो पंक्तियों के साथ अपनी ये रचना आपको समर्पित करता हूं ।


खुश होता है तो कभी उदास होता है,

ये मन है जनाब, बहुत खास होता है ।


एक नई रचना के साथ फिर से जल्दी ही मिलते हैं ।


दर्द



जय हिन्द


*शिव शर्मा की कलम से*



आपको मेरी ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।.  Email : onlineprds@gmail.com

धन्यवाद

12 comments:

  1. Waah Shaandar bhaisa

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  2. Man ke baat Dil se

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  3. मनमौजी तो आप भी हो जनाब,
    आपका लिखा बडा अच्छा लगता है.

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  4. मन ki बात, दिल् से

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  5. मन के हारे हार है ,मन के जीते जीत।
    मन मिले तो प्रीत है, मन मिले तो मीत।

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  6. शानदार

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  7. Bahut khub💝🙏🙏

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  8. Bahut khoob shayar sahab 👌👌👌👌

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  9. बहुत ही सुंदर सच में मन की गति बहुत ही तेज होती है जो पल ही पल में कहा से कहा पहुंच जाती है। प्रणाम

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