मेरा पहला ब्लॉग - My First Blog
आओ ब्लॉग लिखें
बैठे बैठे ना जाने आज क्या सूझी कि कुछ लिखना चाहिए । अब लिखें क्या ? मैँ कोई लेखक तो हूं नहीं जो विचारों के समंदर से शब्दों के मोती निकालकर करीने से पिरो सकुं । मैं तो करोड़ों और लोगों के जैसा एक आम आदमी हूं जो 10 से 6 की नौकरी कर के अपना परिवार चलाता है । जिसका वर्तमान उलझा है भविष्य के अनगिनत स्वप्नों को साकार करने के प्रयास में । जो हर वक्त इसी चिंता में डूबा रहता है कि ना जाने कल क्या होगा ।
इसी उधेड़बुन में आँखें मूंदे अधलेटी अवस्था में बिस्तर पे बैठे बैठे पता नहीं कब आँख लग गयी और चंचल मन उड़ चला सपनो की नगरी की सैर करने ।
मैंने देखा एक नौजवान तेजी से साइकिल चलाते हुए कहीं जा रहा था । वो मेरे ही मोहल्ले का था और मेरा परिचित भी था। मैंने भी अपनी साइकिल की गति बढ़ाई और उस नौजवान के करीब पंहुचा । उत्सुकतावश मैंने उसे पूछ लिया "भैया बड़ी जल्दी में हो, इतनी शीघ्रता से कहां भागे जा रहे हो?"
"अरे कुछ नहीं भाईसाब" उसने जवाब दिया, "बस अखबार के दफ्तर तक जा रहा था, मैंने एक ब्लॉग लिखा है वो ही छपवाना है कल के अखबार में।
"भाई ये ब्लॉग क्या होता है और कैसे लिखते है, मैं भी कुछ लिखने की सोच ही रहा था" मैंने फिर सवाल ठोक दिया।
"कुछ विशेष नहीं भाईसाब, बस कुछ ऐसा लिख दो कि उदास चेहरों पे मुस्कान आ जाये, किसी निराश व्यक्ति को आपके लिखे शब्द आशा की ज्योति दिखादे। आपकी हर लाइन में कुछ न कुछ सन्देश हो, पढ़ने वाले को आनंद की अनुभूति हो, बस हो गया ब्लॉग"।
वो बोल ही रहा था इतने में बेध्यानी में मेरी साइकिल का संतुलन बिगड़ गया, मैं गिरने ही वाला था कि अचानक आँख खुल गयी और मैंने पाया कि मैं बिस्तर के एकदम किनारे पर था और थोड़ी सी करवट बदलता तो निश्चित ही निचे गिर जाता।
लेकिन सपने ने मुझे एक राह दिखाई की कुछ लिखने का प्रयास करना चाहिए । क्या पता कुछ ऐसा लिखा जा सकता है जिसे पढ़कर कुछ चेहरे खिल जाए । एक नयी राह मिल जाए जो मुझे ले जाए कुछ नए मित्रों की और। कुछ लिखने से ही पता चलेगा की मेरे लिखने में कहाँ कहाँ कमियां है, मेरे मित्र अपने सुझाव देंगे तो एक दिन मैं भी हो सकता है कुछ अच्छा लिख पाउँगा। किसी शायर ने भी कहा है ना कि :
"मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर
लोग साथ आते गए कारवां बनता गया"
प्रयत्न किये बिना हार नहीं माननी चाहिए। बाकी समय सब संभाल लेता है। समय ही है जो कोयले को हीरा बना देता है।
Wonderful sharmaji
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ReplyDeleteWah wah kya baat hai
ReplyDeleteWounderfull Sharmaji and Madhu ji...
ReplyDeleteThank you dear.
DeleteThank you very much.
ReplyDeleteVery Good Sir
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