डर के आगे जीत है
शाम को ऑफिस से घर आते समय बात बात में हमारे एक साथी ने एक चुटकुला सुनाया । हालांकि पहले सुना हुआ था, लेकिन आज जब फिर सुना तो मुझे उस चुटकुले में एक प्रेरणा दिखाई दी और वो आप सबसे साझा करने के लिए कलम उठा ली ।
ये चुटकुला शायद आप सबने भी सुना होगा जो कुछ इस प्रकार था कि,
"एक बार नदी में कोई आदमी डूब रहा था । वो जब भी पानी से ऊपर आता तो बचाओ बचाओ की पुकार लगाता ।
दुर्भाग्यवश नदी किनारे खड़े व्यक्तियों में से या तो कोई भी शायद तैरना नहीं जानता था और या फिर नदी के पानी की गहराई देख के साहस नहीं हो रहा था । सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे, शायद मन ही मन कह रहे थे कि कोई तो इस बेचारे को बचालो ।
इतने में छपाक की आवाज आई, सबने देखा की 22-23 साल का एक नौजवान नदी के पानी में कूदा और उस डुबते व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाल लाया । सब उस नौजवान की प्रशंशा करने लगे ।
उसकी पीठ थपथपा कर किसी ने कहा आपने बहुत अच्छा प्रशंशनीय कार्य किया है । एक जान बचा दी । ईश्वर आपको इसका फल जरूर देगा ।
उस नौजवान ने कहा "वो सब तो ठीक है, मगर मुझे ये बताओ की मुझे धक्का किसने मारा था ।""
ये तो महज एक चुटकुला था मित्रों । मगर इसमें एक सन्देश छुपा हुआ था कि हम में क्षमता होते हुए भी हम कई बार सिर्फ किसी डर की वजह से बहुत से मौके हाथ से निकल जाने देते हैं, उनका लाभ नहीं उठा पाते । जिंदगी में कई अवसर हम महज छोटे छोटे डरों से डर कर गंवा देते हैं ।
वो लड़का तैरना जानता था, लेकिन नदी की गहराई से डर कर वो उस आदमी को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था । वहीँ जब किसी ने उसे धक्का मार दिया तो वो उस डुबते को भी बचा लाया और शायद उसके दिलोदिमाग से भी गहराई का डर निकल गया ।
इसी तरह के बहुत से टेलेंट हमारे अंदर छुपे हुए होते हैं । उस डुबते व्यक्ति की जगह आप अवसरों को और उस लड़के की जगह खुद को रखकर सोचें कि कितने अवसर आये होंगे जिंदगी में, लेकिन हमने नदी की गहराई से डर कर उस अवसर को "डूबने" के लिए छोड़ दिया और बाद में पछताए की काश उस वक्त थोड़ी सी हिम्मत कर लेता ।
मित्रों, यकीन मानिए, जरुरत है सिर्फ थोड़े से साहस की । जब तक हम अपने अंदर छुपे हुए आत्मविश्वास को नहीं पहचानेंगे, जब तक थोड़ी जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं जुटाएंगे तब तक हम जीवन की कई चुनौतियों से बिना कुछ किये ही हार मान लेंगे ।
ईश्वर की सबसे सूंदर रचना है हम, उसने हमें सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाया है । कुछ भी कर सकने के काबिल बनाया है ।
हमें बस इतना करना है कि हम खुद की काबिलियत पर भरोसा करें और जीवन में आने वाले अवसरों का लाभ उठायें । मन से हर तरह का डर निकाल फेंके, यक़ीनन जीत तुम्हारी ही होगी । क्योंकि किसी ने कहा था, डर के आगे जीत है ।
जय हिन्द
***शिव शर्मा की कलम से***
शाम को ऑफिस से घर आते समय बात बात में हमारे एक साथी ने एक चुटकुला सुनाया । हालांकि पहले सुना हुआ था, लेकिन आज जब फिर सुना तो मुझे उस चुटकुले में एक प्रेरणा दिखाई दी और वो आप सबसे साझा करने के लिए कलम उठा ली ।
ये चुटकुला शायद आप सबने भी सुना होगा जो कुछ इस प्रकार था कि,
"एक बार नदी में कोई आदमी डूब रहा था । वो जब भी पानी से ऊपर आता तो बचाओ बचाओ की पुकार लगाता ।
दुर्भाग्यवश नदी किनारे खड़े व्यक्तियों में से या तो कोई भी शायद तैरना नहीं जानता था और या फिर नदी के पानी की गहराई देख के साहस नहीं हो रहा था । सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे, शायद मन ही मन कह रहे थे कि कोई तो इस बेचारे को बचालो ।
इतने में छपाक की आवाज आई, सबने देखा की 22-23 साल का एक नौजवान नदी के पानी में कूदा और उस डुबते व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाल लाया । सब उस नौजवान की प्रशंशा करने लगे ।
उसकी पीठ थपथपा कर किसी ने कहा आपने बहुत अच्छा प्रशंशनीय कार्य किया है । एक जान बचा दी । ईश्वर आपको इसका फल जरूर देगा ।
उस नौजवान ने कहा "वो सब तो ठीक है, मगर मुझे ये बताओ की मुझे धक्का किसने मारा था ।""
ये तो महज एक चुटकुला था मित्रों । मगर इसमें एक सन्देश छुपा हुआ था कि हम में क्षमता होते हुए भी हम कई बार सिर्फ किसी डर की वजह से बहुत से मौके हाथ से निकल जाने देते हैं, उनका लाभ नहीं उठा पाते । जिंदगी में कई अवसर हम महज छोटे छोटे डरों से डर कर गंवा देते हैं ।
वो लड़का तैरना जानता था, लेकिन नदी की गहराई से डर कर वो उस आदमी को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था । वहीँ जब किसी ने उसे धक्का मार दिया तो वो उस डुबते को भी बचा लाया और शायद उसके दिलोदिमाग से भी गहराई का डर निकल गया ।
इसी तरह के बहुत से टेलेंट हमारे अंदर छुपे हुए होते हैं । उस डुबते व्यक्ति की जगह आप अवसरों को और उस लड़के की जगह खुद को रखकर सोचें कि कितने अवसर आये होंगे जिंदगी में, लेकिन हमने नदी की गहराई से डर कर उस अवसर को "डूबने" के लिए छोड़ दिया और बाद में पछताए की काश उस वक्त थोड़ी सी हिम्मत कर लेता ।
ईश्वर की सबसे सूंदर रचना है हम, उसने हमें सभी जीवों में श्रेष्ठ बनाया है । कुछ भी कर सकने के काबिल बनाया है ।
हमें बस इतना करना है कि हम खुद की काबिलियत पर भरोसा करें और जीवन में आने वाले अवसरों का लाभ उठायें । मन से हर तरह का डर निकाल फेंके, यक़ीनन जीत तुम्हारी ही होगी । क्योंकि किसी ने कहा था, डर के आगे जीत है ।
Click here to Read "जरा मुस्कुराइये" written by Sri Shiv Sharma
जय हिन्द
***शिव शर्मा की कलम से***
सही बात
ReplyDeleteSahee baat sir ji
ReplyDeleteVery nice sir
ReplyDeleteवाह जी वाह मजो आ गयो
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