माँ तो माँ होती है
संसार का सबसे पवित्र, निस्वार्थ और निश्छल रिश्ता होता है माँ और उसकी संतान का ।संतान भले ही भविष्य में माँ की अनदेखी करने लगे, परंतु एक माँ तो जीवन पर्यंत अपनी औलाद के लिए सदैव उसकी खुशहाली की कामना ही करती रहती है । क्योंकि "माँ तो माँ होती है"।
एक कविता के जरिये, त्याग की मूर्ति, "माँ" की ममता के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास कर रहा हूं, इस आशा के साथ की "माँ तो माँ होती है" को भी आप मेरे पहले के ब्लॉग "माँ एक पूरी दुनिया" की तरह ही पसंद करेंगे ।
माँ तो माँ होती है
सूरज उगने से पहले उठ जाती है,
सारे घर को चमकाती है,
नहाकर पूजा करती है,
सबका खयाल रखती है,
जल्दी जल्दी हाथ चलाती है,
पता नहीं इतनी ऊर्जा
कहाँ से लाती है,
पूरा घर संभालती है,
उठती है सबसे पहले,
सबके बाद सोती है,
क्योंकि, माँ तो माँ होती है,
सबका नाश्ता बनाकर
बच्चों को जगाती है,
मिन्नतें कर कर के
उन्हें प्यार से खिलाती है,
मेरे लाल को नजर ना लग जाए
कहकर काला टीका लगाती है,
उन्हें तैयार कर के,
स्कूल बस तक छोड़ के आती है,
सौ सौ बलैयां लेती है,
बच्चों के लिए अपनी आँखों में,
कितने सपने संजोती है,
माँ तो माँ होती है,
वापस आकर पापा को जगाती है
उनका दोपहर का खाना बनाती है,
पापा के साथ खुद भी दो घूंट पीती
उन्हें भी चाय पिलाती है,
स्कूल से बच्चों के आने पर
कितने लाड लडाती है,
टिफिन में बची रोटी देख
डांट लगाती है,
झूठमूठ का गुस्सा दिखाती है,
बच्चों से गलती होने पर,
पहले तो डांटती है, फिर रोती है,
माँ तो माँ होती है,
बड़े होने तक दुनिया का
हर पाठ पढ़ाती है,
ऊंच नीच समझाती है,
दुनियादारी सिखाती है,
जीवन में आगे बढ़ने के
अनगिनत मन्त्र बताती है,
इसी वजह से माँ
पहला गुरु कहलाती है,
अपने बच्चों के हृदय में,
संस्कारों के बीज बोती है,
माँ तो माँ होती है,
कुछ बच्चे बड़े हो कर
उसी माँ को भूल जाते हैं,
सिर्फ मतलब हो
तो ही पास आते हैं
छोटी छोटी बात पर
सैंकड़ों ताने सुनाते हैं
जमाना बदल गया है
उसी माँ को बताते है
जिस ने उन पर ममता लुटाई
उसी को सताते हैं,
पर माँ तो हर हाल में
औलाद की ख़ुशी देख महकती है,
सब सहकर भी
माँ के लबों से औलाद के लिए
दुआ ही निकलती है,
संतान जैसी भी हो,
माँ के लिए तो वो
अनमोल मोती है,
उसके हृदय की धड़कन है,
उसकी आँखों की ज्योति है,
क्योंकि
माँ तो माँ होती है,
माँ तो माँ होती है ।।
* * *
अंत में संसार की सभी माताओं को प्रणाम करता हुं और आप सबसे अगली मुलाकात तक के लिए विदा लेता हुं । आप सब अपना और अपनों का ख़याल रखियेगा ।
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जय हिंद*शिव शर्मा की कलम से***
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Nice sir ji
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