ये भी कोई बात हुई
देर से आना जल्दी जाना, ये भी कोई बात हुई ?
रोज बनाना नया बहाना, ये भी कोई बात हुई ?
पहले तो तुम ऐसे ना थे, इतने कैसे बदल गए,
ये तोहमत भी हमपे लगाना, ये भी कोई बात हुई ?
इक तेरी कातिल ये अदाएं, हुश्न तेरा तौबा तौबा
और दिलों पे छुरी चलाना, ये भी कोई बात हुई ?
आज अभी जाते है, कल फिर यहीं पे मिलने आयेंगे,
वादा करके भी ना आना, ये भी कोई बात हुई ?
गर गुस्सा थे हमसे कहते, माफ़ करो हम कह देते,
अपने भैया से पिटवाना, ये भी कोई बात हुई ?
माना मौसम सर्दी का है, तापमान है गिरा हुआ,
पर हफ़्तों हफ़्तों नहीं नहाना, ये भी कोई बात हुई ?
पेट गले तक भरा हुआ, और कहते ये तो पानी है,
फिर ठूंस ठूंस कर रबड़ी खाना, ये भी कोई बात हुई ?
बकरे में में करते रहते, और घोड़ों को घास नहीं,
उसपे गधों को हलवा खिलाना, ये भी कोई बात हुई ?
छत पर बैठे ताक रहे थे सिर्फ तुम्हारी खिड़की को
हमें देख कर परदे लगाना, ये भी कोई बात हुई ?
सबसे मिलते हो खुल कर, और बातें भी करते हो
लेकिन हमसे आँख चुराना, ये भी कोई बात हुई ?
प्यार में अक्सर कभी कभी, तकरारें भी "शिव" होती है,
पर रूठे को लेना मनाना, हाँ ये कोई बात हुई ।
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...शिव शर्मा की कलम से...
क्या बात हुई!!!
ReplyDeleteसुबह हुई फिर शाम हुई
Deleteशाम के बाद फिर रात हुई
वो भी चुप थे मैं भी चुप था
बस आँखों से बात हुई
आपका धन्यवाद
ReplyDeleteWah kya pyaari baat hui.... Ye bhi koi baat hui..
ReplyDeleteCan I get this audio song mp3
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