JEEVAN KI DAASTAN
जीवन की दास्तान
मूलतः मराठी में लिखने वाले कवी श्री प्रदीप माने, जिनकी कुछ रचनायें आप इसी कॉलम में पढ़ चुके हैं, की एक और रचना "जीवन की दास्तान" आपके लिए प्रस्तुत है ।
उम्मीद है आप इस रचना को भी अपना भरपूर स्नेह देंगे ।
जीवन की दास्तान
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जीवन की है एक अलग ही दास्तान,
कोई घर तो कोई रोटी के लिए परेशान,
बहाकर पसीना जो करता है खूब मेहनत,
किस्मत फिर भी नहीं होती मेहरबान,
वक्त नहीं जिनको मौसम का लुत्फ़ लेने को,
उनके घर ही मिलते हैं बहारों के निशान,
जिसकी एक झलक से कई निहाल हो गए,
बर्बाद भी कर गई उसकी एक मुस्कान,
जीने के लिए कुछ लोग भुला बैठे वादे कसमे,
किसी ने सजा रखी है कई यादों की दूकान,
कोई डूबा हुआ है ग़मों की गहराइयों में,
कोई छुपा रहा है, सजा के चेहरे पर मुस्कान,
कई मशरूफ है लाचारों को दबाने में,
कम ही मिलते है यहां कला के कद्रदान,
जिंदा लोगों पर "आभास" मुर्दों की हुकूमत देखी,
बस्तियों के बीच देखे अनेकों कब्रिस्तान,
जीवन की है एक अलग ही दास्तान,
कोई घर तो कोई रोटी के लिए परेशान ।।
Click here to read "आ जाओ भैया" by Sri Pradeep Mane
Jeevan Ki Daastan
प्रदीप माने "आभास" द्वारा रचित
आपको ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।. Email : onlineprds@gmail.com
धन्यवाद
शिव शर्मा
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Bhut khoob
ReplyDelete👌👍
ReplyDelete👌👌👌
ReplyDeleteGood one Pradeep ji 😊
ReplyDeleteखूब ।
ReplyDeleteबहुत खूब।
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