असर
आपका ह्रदय से धन्यवाद दोस्तों जो आपने "तुम्हारी यादें" ग़ज़ल इतनी पसंद की । यकीन मानिए आपका ये स्नेह संजीवनी का सा काम करता है । आगे भी इसी तरह अपना प्रेम लुटाते रहें, मैं कोशिश करूँगा और अच्छा लिखने की ।
आज भी आपके लिए एक पुराने पन्नों से छांटी हुई छोटी सी ग़ज़ल ले के आया हुं, इसी उम्मीद के साथ कि इसे भी आप अपना भरपूर समर्थन देंगे । "असर" भी मैंने शायद 7-8 वर्ष पूर्व ही लिखी थी, मुझे तो ये काफी अच्छी लगी, देखते हैं आप इसे कितना पसंद करते है ।
असर
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संभल के रहना किसी को खबर ना हो जाए,
जरा सी बात का बवंडर ना हो जाए,
सुना है दीवारों के भी कान होते हैं,
इधर की बात उधर ना हो जाए,
सुहानी रात है दिल की बात करलो,
कशमकश में ही सहर ना हो जाए,
गिले शिकवों का संगीत कम ही बजे,
मुहब्बत की धुन कहीं बेअसर ना हो जाये,
ख्वाब ऊँचे मगर हसरतें कम रखना,
जिंदगी उलझनों का समंदर ना हो जाए,
दिल में जज्बातों को सदा ज़िंदा रखना,
ख़्वाबों का महल खंडहर ना हो जाए,
अपनी हदों में रहे तो ही अच्छी लगती है,
बे-लगाम सागर की लहर ना हो जाए,
ना जाने कब बरसेंगे आसमान से बादल,
सुखी जमीन मौला, बंजर ना हो जाए,
तूफानों को या रब जरा दूर ही रखना,
तेरा बन्दा कोई घर से बेघर ना हो जाए,
ख़ौफ़ जगाता है चिमनियों से उठता धुंआ,
शहर का हवा पानी कहीं ज़हर ना हो जाए,
ना जाने क्या घुला है इस आबोहवा में
बदन बीमारियों का घर ना हो जाए,
मिलते मिलाते रहना हंसते हंसाते रहना,
जिंदगी शिकायतों में बसर ना हो जाए,
रंग बदलना तो "शिव" फितरत है ज़माने की,
तुम पर भी इसका, असर ना हो जाए ।।
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जय हिन्द
***शिव शर्मा की कलम से***
आपको मेरी ये रचना कैसी लगी दोस्तों । मैं आपको भी आमंत्रित करता हुं कि अगर आपके पास भी कोई आपकी अपनी स्वरचित कहानी, कविता, ग़ज़ल या निजी अनुभवों पर आधारित रचनायें हो तो हमें भेजें । हम उसे हमारे इस पेज पर सहर्ष प्रकाशित करेंगे ।. Email : onlineprds@gmail.com
धन्यवाद
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Kya baat hai
ReplyDeleteBhaut badiya
ReplyDeleteVery Nice. Thank you.
ReplyDeleteBeautiful words.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, Sir
ReplyDeleteसुंदर
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