बिन बात बदल जाते हैं.....
नमस्कार मित्रों ।
आपने मेरी रचना "हम तो चले परदेस" को अपना भरपूर प्यार दिया । आपके अच्छे अच्छे उत्साहवर्धक कमेंट पाकर यक़ीन मानिए, मैं ख़ुशी से फुला नहीं समां रहा हूं ।
आगे भी इसी तरह आपका स्नेह युं ही लुटाते रहना और मेरा हौसला बढ़ाते रहना । मैं हरदम कोशिश करूँगा कि आप सबको पसंद आने जैसा कुछ लिखता रहुं ।
आज फिर एक छोटी सी गजल ले कर आया हुं, इसी उम्मीद के साथ कि इसे भी आप हम तो चले परदेश की तरह पसंद करेंगे ।
बिन बात बदल जाते हैं
******************
लम्हा लम्हा चलते दिन रात बदल जाते हैं,
गुजरते वक्त के साथ हालात बदल जाते है,
सफ़र वही है साथी वही मंजिल भी एक है
मतलब के लिए मगर साथ बदल जाते हैं
मुहब्बत में खाई हो जिसने बेहिसाब ठोकरें,
अक्सर उन आशिकों के जज्बात बदल जाते हैं,
कुछ खता हो तो वाजिब है बदलना उनका,
तौबा मगर वे तो बिन बात बदल जाते हैं,
पूछते हैं उनसे कि गुनाह तो बताइये,
बस मुस्कुराते हैं और बात बदल जाते हैं,
टूटे जो कोई दिल किसी बेगुनाह का कहीं,
हो कर ख़फ़ा मौसम ए बरसात बदल जाते हैं,
मेहरबां हो खुदा जो अपने किसी बंदे पे कभी,
फ़रिश्ते आ के उसकी औकात बदल जाते हैं,
देखे हैं शेर भी मिमियाते शिकारी के आगे
आफ़ताब के सामने चरागात बदल जाते है
कितनी भी घनी हो काली हो अंधियारी हो
उजाले आकर हर स्याह रात बदल जाते हैं,
गम ना कर "शिव" गर किसी ने दिल दुखाया है,
वक्त के साथ लोगों के ख़यालात बदल जाते हैं ।।
**** **** ****
जल्दी ही फिर मुलाक़ात होगी दोस्तों, आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा ।
जय हिन्द
**** शिव शर्मा की कलम से ****
नमस्कार मित्रों ।
आपने मेरी रचना "हम तो चले परदेस" को अपना भरपूर प्यार दिया । आपके अच्छे अच्छे उत्साहवर्धक कमेंट पाकर यक़ीन मानिए, मैं ख़ुशी से फुला नहीं समां रहा हूं ।
आगे भी इसी तरह आपका स्नेह युं ही लुटाते रहना और मेरा हौसला बढ़ाते रहना । मैं हरदम कोशिश करूँगा कि आप सबको पसंद आने जैसा कुछ लिखता रहुं ।
आज फिर एक छोटी सी गजल ले कर आया हुं, इसी उम्मीद के साथ कि इसे भी आप हम तो चले परदेश की तरह पसंद करेंगे ।
बिन बात बदल जाते हैं
******************
लम्हा लम्हा चलते दिन रात बदल जाते हैं,
गुजरते वक्त के साथ हालात बदल जाते है,
सफ़र वही है साथी वही मंजिल भी एक है
मतलब के लिए मगर साथ बदल जाते हैं
मुहब्बत में खाई हो जिसने बेहिसाब ठोकरें,
अक्सर उन आशिकों के जज्बात बदल जाते हैं,
कुछ खता हो तो वाजिब है बदलना उनका,
तौबा मगर वे तो बिन बात बदल जाते हैं,
पूछते हैं उनसे कि गुनाह तो बताइये,
बस मुस्कुराते हैं और बात बदल जाते हैं,
टूटे जो कोई दिल किसी बेगुनाह का कहीं,
हो कर ख़फ़ा मौसम ए बरसात बदल जाते हैं,
मेहरबां हो खुदा जो अपने किसी बंदे पे कभी,
फ़रिश्ते आ के उसकी औकात बदल जाते हैं,
देखे हैं शेर भी मिमियाते शिकारी के आगे
आफ़ताब के सामने चरागात बदल जाते है
कितनी भी घनी हो काली हो अंधियारी हो
उजाले आकर हर स्याह रात बदल जाते हैं,
गम ना कर "शिव" गर किसी ने दिल दुखाया है,
वक्त के साथ लोगों के ख़यालात बदल जाते हैं ।।
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जल्दी ही फिर मुलाक़ात होगी दोस्तों, आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा ।
Click here to read "कमाल करते हो" written by Sri Shiv Sharma
जय हिन्द
**** शिव शर्मा की कलम से ****
Wah sir ji kya sahe baat kahe hai
ReplyDeleteSuperb Creative Effort.. Really Dil ko Chu lene wali Rachna...
ReplyDeleteKeep it up Mr sharma
ReplyDeleteKya bat hai
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