नाम अगर रख दें कुछ भी
नाम अगर रख दें कुछ भी
उस नाम के गुण क्यों नहीं आते
आँखें नहीं जिनको बचपन से
नाम नयनसुख पा जाते
एक राम जो पिता की आज्ञा पर
सिया संग वनवास अपनाते है
एक आज के राम हो पत्नीवश
पिता को वनवास भिजवाते है
नाम अगर रख दें कुछ भी
श्री कृष्ण ने अवतार लिया
पापियों से मुक्ति दिलाने को
कुछ किशन आज के लगे हैं
बस खुद का माल बनाने को
राजा हरिश्चंद्र सत्यवादी ने
इसी धरा पर जन्म लिया
कल एक हरीश चंद्र ने
रिश्वत जैसा कर्म किया
नाम अगर रख दें कुछ भी
भगवान बुद्ध ने जहाँ हमें
पथ अहिंसा का दिखलाया
वहीँ कुछ बुद्धिमानों ने
देखो कई घरों को जलाया
खोज शुन्य की कर हमने
राह विकास की खोली थी
संस्कृति में हम अव्वल थे कभी
प्यारी मीठी बोली थी
क्या फिर जन्मेंगे बुद्ध यहाँ
क्या महावीर फिर आएंगे
क्या फिर से राम आकर यहाँ
मानवता हमें सिखाएंगे
नाम अगर रख दें कुछ भी
प्रदीप माने "आभास"
कानो (नाइजीरिया)
श्री प्रदीप माने, वर्तमान में नाइजीरिया में एक पाइप निर्माण करने वाले कारखाने में इंजीनियर के पद पर नियुक्त है । मूलतः ये मराठी भाषा में लिखते हैं और इनकी मराठी रचनाओं की एक किताब "रेशिमगाठी" आ चुकी है । अभी शुरुआत कर रहे है हिंदी में भी लिखने की । हम इनका इस मंच पर स्वागत करते है । आप सब का भी आशिर्वाद चाहिए ।
We are so proud to introduce our new writer, Mr. Pradeep Mane, an engineer by profession and working in Nigeria. He usually write in Marathi Language and already a poetry book viz. "Reshim Gathi" in Marathi language has been published. Here his attempt starts to write in Hindi Language.
We request all the users to go through his writings. Kindly post your suggestions / comments on regular basis. We seek your blessings. We are very happy to start his blogs on this auspicious day "Dhanteras". Happy Dhanteras to all of our readers.
नाम अगर रख दें कुछ भी
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With love,Chief Editor - Shiv Bhagan Sharma
Pradeep ji, Well written. We thank you for showing your interest to join our Hindi General Blogs. All the best.
ReplyDeleteNice one Pradeep...
ReplyDeleteThanks Madhu ji & Santosh. This is my first poem in Hindi. Will try better surely
ReplyDeleteबहुत सूंदर शुरुआत । इसे जारी रखें ।
ReplyDeleteGood 1 Mr.Pradeep....
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